Ad

Uttar Pradesh news

महिला सशक्तिकरण हेतु हुनर से रोजगार समारोह को Merikheti की टीम ने किया कवर

महिला सशक्तिकरण हेतु हुनर से रोजगार समारोह को Merikheti की टीम ने किया कवर

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार और बहुत सारी संस्थाएं अपने अपने स्तर से भरपूर प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में 19 मार्च दिन रविवार को हुनर से रोजगार समारोह को संबोधित किया है। इसके अंतर्गत महिलाओं ने वहां अपने-अपने हुनर का प्रदर्शन किया। आपको बतादें कि मिल्लेट्स से बने उत्पादों को कार्यक्रम के दौरान महिलाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। साथ ही, उन्होंने सफल हुई महिलाओं की जीवन कहानी को भी बताया। वहां आई बहुत सी महिला किसानों ने खुद से बनाई गई बहुत से उपयोगी उत्पादों को समारोह के दौरान माननीय राज्यपाल जी को दिखाया और अपने हुनर व कला का प्रदर्शन भी किया था। महिला किसानों ने राज्यपाल जी के सामने अपनी प्रदर्शनी की है। Merikheti की टीम ने वहां पहुँचकर पुरे समारोह की प्रत्येक गतिविधि को कवर किया।

सरदार वल्लभभाई पटेल प्रौद्योगिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय में हुआ समारोह

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल जी ने मेरठ में उपस्थित सरदार वल्लभभाई पटेल प्रौघोगिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय में महिलाओं के लिए हुनर से रोजगार कार्यक्रम का समारोह किया गया। इस पूर्वनियोजित महिला किसान सशक्तिकरण समारोह के दौरान कृषि विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे। राज्यपाल आनंदी बेन ने कृषि विश्वविद्यालय की क्षात्राओं को भी संबोधित किया है। ये भी देखें: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मोटे अनाजों के उत्पादों को किया प्रोत्साहित

मेरीखेती की टीम ने मेरठ में हुए हुनर से रोजगार समारोह को कवर किया

मेरीखेती की टीम ने समारोह में जाकर महिला किसानों के द्वारा की गई प्रदर्शनी को कवर किया। जिसमें अगरबत्ती निर्माता, मोमबत्ती निर्माता, मसालों की पैकिंग, मशरूम उत्पादक आदि महिलाओं की कलाकृतियां एवं उत्पादों को कवर किया है। साथ ही, महिलाओं ने मोटे अनाज को सरकार द्वारा प्रोत्साहन मिलने से प्रेरित होकर मोटे अनाजों से निर्मित उत्पादों को भी प्रदर्शनी में रखा था। महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इन सभी महिलाओं द्वारा की गई प्रदर्शनी को देखा और उनका उत्साहवर्धन भी किया।

महिला सशक्तिकरण हुनर से रोजगार समारोह में कई दिग्गज हस्तियां मौजूद रही

महिला सशक्तिकरण के लिए आयोजित किए गए इस समारोह में उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पशुपालन दुग्ध व मत्स्य पालन राज्यमंत्री संजीव बाल्यान, सरदार वल्लभभाई पटेल प्रौद्योगिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय के वाईस चांसलर केके सिंह, पूसा के कृषि वैज्ञानिक डॉ विपिन कुमार आदि कृषि क्षेत्र की दिग्गज हस्तियां उपस्थित रहीं। समारोह में मौजूद महानुभावों ने महिला सशक्तिकरण और उनके परिश्रम व रचनात्मक सोच के बारे में अपने विचार साझा किये।
यह राज्य सरकार किसानों की क्षतिग्रस्त फसल को खरीदने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी देगी 

यह राज्य सरकार किसानों की क्षतिग्रस्त फसल को खरीदने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी देगी 

किसानों को हमेशा किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। बीते दिनों प्रचंड गर्मी उसके बाद तेज बारिश से लाखों हेक्टेयर में खड़ी रबी सीजन की फसलें चौपट हो गई हैं। फसल क्षति की पूर्ति के लिए यूपी सरकार के माध्यम से खराब फसल की खरीद सहित कृषि निवेश राहत धनराशि देने की घोषणा की है। इस वर्ष का मार्च का महीना कृषकों हेत अत्यंत नुकसानदायक साबित हुआ है। बेमौसम बारिश ने मध्य एवं उत्तर भारत में तबाही मचा दी है। फरवरी माह में अचानक तापमान अधिक होने की वजह से सरसों के साथ गेहूं की फसल को भी हानि पहुँच रही थी। परंतु, उसके बाद मार्च की बारिश से किसानों के परिश्रम को पूर्णतय विफल कर दिया है। खेतों में कटाई हेतु तैयार खड़ी गेहूं एवं सरसों के साथ-साथ मसूर व चना की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो गईं। किसानों पर विपदा की भांति आई इस संकट के समय में विभिन्न राज्य सरकारों ने किसानों को सहायता धनराशि के तौर पर मुआवजा देने की घोषणा तो कर दी। परंतु, किसान भाइयों हेतु बर्बाद हुई फसल चिंता का कारण बन चुकी है। ऐसे में प्रभावित किसानों की इस समस्या का निराकरण कर दिया गया है। हाल ही में यूपी की योगी सरकार ने अपने प्रदेश में बारिश एवं आंधी से क्षतिग्रस्त हुई फसलों को खरीने का ऐलान किया है।

किसानों की आधी से ज्यादा फसल चौपट हो चुकी है

यदि हम फसल के नुकसान पर नजर डालें तो मार्च के दूसरे पखवाड़े में बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं एवं सरसों की फसल में 50 प्रतिशत से अधिक हानि की अटकलें लगाई जा रही हैं। उत्तर प्रदेश के 10 जनपदों में हुई फसल हानि के आकलन के अनुरूप कृषि विभाग के अधिकारियों ने 34,137 हेक्टेयर फसल बर्बादी होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। ये भी पढ़े: अगर बरसात के कारण फसल हो गई है चौपट, तो ऐसे करें अपना बीमा क्लेम बेमौसम बारिश से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले जनपदों में उन्नाव, हमीरपुर, झांसी, प्रयागराज, चंदौली, आगरा, बरेली, वाराणसी और लखमीपुर खीरी शम्मिलित हैं। सरकार द्वारा कराये गए 15 मार्च तक के सर्वेक्षण में यह पाया गया है, कि मार्च के प्रथम पखवाड़े में मौसम परिवर्तन से प्रत्यक्ष रूप से 1.02 लाख किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

बागवानी फसलों को भी झेलना पड़ा है नुकसान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च के समापन के दो दिनों में बदली परिस्थितियों से पूरे प्रदेश के कृषि क्षेत्र पर बेकार तरह प्रभावित हुई है। विशेष रूप से अलीगढ़, बरेली, सीतापुर, उन्नाव, सोनभद्र, हमीरपुर, संभल, मुरादाबाद और पीलीभीत में ओलावृष्टि से तैयार कटी हुई फसलें चौपट हुई हैं। इनमें से विभिन्न जनपदों में आलू की खुदाई चल रही थी। वहीं, आम के पेड़ पर बौर आ रहे थे। परंतु, खेत में सुखाने हेतु रखे हुए आलू तो बर्बाद हुए ही, आम के बौर भी पेड़ों से झड़कर भूमि पर गिर चुके हैं। किसानों के अतिरिक्त बागवान भी आम के उत्पादन के संबंध में काफी चिंतित हैं।

योगी सरकार ने फसल क्षति का सर्वेक्षण करने के दिए आदेश

किसानों के लिए आफत बनी बेमौसम बारिश का कहर अभी तक जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा पहले पखवाड़े में मूसलाधार बारिश के पूर्वानुमान की जानकारी दी गई थी। इधर आज भी बहुत सारे क्षेत्रों में फसल कटाई एवं नई फसल की बुवाई का कार्य सुचारू है। ऐसी स्थितियों पर ध्यान देते हुए योगी सरकार द्वारा फसल नुकसान का सर्वेक्षण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके आधार पर कृषि निवेश राहत सहायता धनराशि भी मुहैय्या कराई जाएगी।
इस राज्य में किसानों को 50 प्रतिशत छूट पर गन्ने के बीज मुहैय्या कराए जाऐंगे

इस राज्य में किसानों को 50 प्रतिशत छूट पर गन्ने के बीज मुहैय्या कराए जाऐंगे

भारत के उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर गन्ने का उत्पादन किया जाता है। किसानों को सहूलियत प्रदान करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने की दो प्रसिद्ध प्रजातियों के बीजों के भाव में 25 से 50 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है। केंद्र और राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से किसानों के हित में निरंतर योजनाएं जारी करती आ रही हैं। समस्त सरकारों का यही उद्देश्य होता है, कि किस तरह किसानों को अधिक आमदनी हो सके। किसान भाइयों को अनुदान पर यंत्र मुहैय्या कराए जा रहे हैं। वर्तमान में बिहार में कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने के लिए किसानों को अच्छा खासा अनुदान मुहैय्या कराया जा रहा है। साथ ही, सस्ते बीज भी किसानों को प्रदान किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में एक और बड़ी पहल कर रही है। बीज महंगा होने की वजह से गन्ने की बुवाई जहां महंगी हो रही थी। साथ ही, बीज सस्ता करते हुए राज्य सरकार द्वारा उसी महंगाई में सहूलियत प्रदान की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को गन्ना से जुड़े मामलों में काफी सहूलियत प्रदान की गई है। बतादें, गन्ना की प्रजाति को. शा. 13235 एवं को. शा. 15023 के बीजों की दरों में 25 से 50 प्रतिशत तक कटौती की जा चुकी है। किसान इन दोनों किस्मों के बीजों को निर्धारित केंद्रों से ले सकेंगे।

गन्ने की कीमत कितनी निर्धारित की गई है

प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है, कि गन्ने की नई प्रजाति को. शा. 13235 के अभिजनक बीज की अब तक जो कीमत थी, वह 1.20 रुपये प्रति बड़ की दर से बढ़कर 1275 रुपये प्रति क्विंटल रही है। राज्य सरकार द्वारा इसको घटाकर 850 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। गन्ना की दूसरी नई किस्म को. शा. 15023 है। इसके बीज की वर्तमान में कीमत 1.70 रुपये प्रति बड की दर से 1700 रुपये प्रति क्विंटल थी। नई दरों में इस प्रजाति की कीमत 850 रुपये प्रति क्विंटल की जा चुकी है। यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए सरकार की तरफ से आई है बहुत बड़ी खुशखबरी

यहां से गन्ना खरीद सकते हैं किसान

अधिकारियों ने बताया है, कि किसानों को गन्ना खरीदने के लिए इधर-उधर चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। दोनों प्रजातियों के बीज शाहजहांपुर में मौजूद यूपी गन्ना शोध परिषद से अटैच बीज केंद्रों एवं चीनी मिल फार्मों से 850 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर किसानों को मुहैय्या कराया जाएगा। समस्त परिषदों को निर्देश जारी किए गए हैं, कि गन्ने की दोनों किस्मों की जो संसोधित कीमतें हैं। उन्हीं दरों पर गन्ना किसानों को मुहैय्या कराई जाऐं।
इस राज्य में गेंहू खरीदी के लिए 5900 खरीद केंद्र बनाए, MSP पर खरीदा जाएगा 60 लाख मीट्रिक टन गेंहू

इस राज्य में गेंहू खरीदी के लिए 5900 खरीद केंद्र बनाए, MSP पर खरीदा जाएगा 60 लाख मीट्रिक टन गेंहू

भारत के विभिन्न राज्यों में गेहूं खरीद चालू की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जाएगा। साथ ही, गेंहू खरीदी हेतु 5900 खरीद केंद्र निर्मित किए गए हैं। भारत में गेहूं की कटाई काफी तीव्रता से कर दी गई है। जिन किसानों का गेहूं जैसे-जैसे कटता जा रहा है। वह मौसम के रुख को देखते हुए उनको विक्रय हेतु मंडी लेकर पहुंच रहा है। ज्यादातर राज्यों में गेहं खरीद की पहल चालू कर दी गई है। जिन राज्यों के अंतर्गत अब तक गेहूं खरीदी चालू नहीं हुई है। वहां तैयारियां चालू की जा चुकी हैं। इन्ही राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। बतादें, कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार गेहूं खरीद की तैयारियां काफी तेज कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं, कि किसी भी स्थिति में मंडी में किसान भाइयों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित

उत्तर प्रदेश के अंदर लाखों की तादाद में किसान गेहूं का उत्पादन किया करते हैं। सीजन में लाखों टन गेहूं का मंडी में विक्रय किया जाता है। गेहूं उत्पादन के संबंध में उत्तर प्रदेश काफी बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फिलहाल गेहूं खरीद नीति 2023- 24 को स्वीकृति दी जा चुकी है। इस सीजन में किसान 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी करेगी। इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। 

यह भी पढ़ें: केंद्रीय स्तर से हरियाणा, पंजाब सहित इन राज्यों में भीगे गेहूं की होगी खरीद

उत्तर प्रदेश में गेंहू खरीदी के लिए 5900 क्रय केंद्र स्थापित किए हैं

किसान भाइयों को गेहूं खरीदने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जिसके लिए राज्य में कुल 5,900 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। क्रय केंद्रों पर किसान हेल्प डेस्क सहित समस्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रदेश सरकार पूर्व से ही रबी सीजन 2023- 24 के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदी की घोषणा पूर्व में ही कर दी थी। जिसके मन्देनजर कैबिनेट द्वारा फिलहाल इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। अब राज्य सरकार द्वारा समस्त जनपदों में गेहूं खरीद संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। 

प्रत्येक जनपद में डीएम बने नोडल अधिकारी

राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया है, कि गेहूं खरीद में लघु कृषकों का ज्यादा ध्यान रखा गया है। दरअसल, 60 क्विंटल से कम गेहूं विक्रय करने वाले कृषकों को खरीद में ज्यादा महत्व दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से संभागीय आयुक्तों को अपने संभालकों हेतु नोडल अधिकारी बनाया है। डीएम को स्वयं के स्तर से जनपद को नोडल अफसर बनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 1 अप्रैल से गेहूं खरीद चालू की जा चुकी है।

इस राज्य में आकाशीय बिजली गिरने से 1200 मुर्गियों की हुई मौत

इस राज्य में आकाशीय बिजली गिरने से 1200 मुर्गियों की हुई मौत

उत्तर प्रदेश राज्य में आकाशीय बिजली गिरने की वजह से एक बड़ी दुर्घटना हुआ है। अंबेडकर नगर के बड़े गांव में बिजली गिरने से मुर्गी फार्म हाउस आग की चपेट में आ गया। इससे लगभग 1200 मुर्गियों की जलकर मृत्यु हो गई। भारत में मुर्गी पालन का एक बड़ा व्यवसाय है। लाखों की तादात में लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। पोल्ट्री फार्म हाउस के माध्यम से काफी मोटी आमदनी भी अर्जित करते हैं। मुर्गी पालन के लिए बहुत सारे नार्म्स होते हैं। इन नियमों का भी अनुपालन करना पड़ता है। परंतु, भारत के एक प्रदेश में गिरी आकाशीय बिजली ने पोल्ट्री फार्म हाउस संचालक की अधिकांश संपत्ति ही बर्बाद हो चुकी है। उसे लाखों रुपये की हानि भी हुई है।

यूपी के अंबेडकर नगर में 1200 मुर्गियों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में आकाशीय बिजली गिरने से एक बड़ी दुर्घटना हो गई है। रविवार को मौसमिक परिवर्तन के चलते तेज बारिश चालू हो गई। आसमान में काले बादल के साथ जोरदार बिजली की चमक की वजह से लोग घरों में ही छुप गए। इसी दौरान जहांगीरगंज के बड़ागांव में मुर्गी हाऊस पर आकाशीय बिजली जा गिरी। बिजली इतनी तेजी से गिरी कि अतिशीघ्र ही आग लग गई। धीरे-धीरे आग पूरे फार्म हाउस में फैल गई। इसके चलते 1200 मुर्गियों की जलकर मोके पर ही मृत्यु हो गई। 

यह भी पढ़ें : इस ऑस्ट्रेलियन नस्ल की मुर्गी को पालने से किसान हो सकते हैं मालामाल

स्थानीय लोगों पर भी नहीं बुझ सकी आग

स्थानीय लोगों का कहना है, कि रविवार के दिन में मौसम अच्छा था। परंतु, जैसे-जैसे रात आती गई मौसम खराब होना चालू हो गया। देर रात्रि में आकस्मिक तीव्र बिजली चमक, बारिश एवं ओलावृष्टि होनी चालू हो गई। इसके चलते बिजली जहांगीरगंज के बड़ागांव में स्थापित फार्म हाउस पर बिजली गिर चुकी। बिजली गिरते ही फार्म हाउस में आगजनी हो गई। आग की लपटों को देखते हुए आसपास के लोग आग बुझाने के लिए घटना स्थल पर पहुंच गए। परंतु, वह आग पर काबू करने में असमर्थ रहे। 

अबुबकर के मुर्गी फार्म हाउस को हुई लाखों की हानि

जहांगीरगंज के बड़ागांव के उत्तर घाघरा नदी के किनारे गांव में स्थित अबुबकर का मुर्गी फार्म हाउस है। कहा गया है, कि पेड़ को फाड़ते हुए मुर्गी फार्म हाउस पर जा गिरी। अबु बकर को आकाशीय बिजली गिरने से लाखों रुपये की हानि का सामना करना पड़ा है। अबु बकर ने राज्य सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है।

बंदरों से अपनी फसल को बचाने के लिए किसान बना भालू

बंदरों से अपनी फसल को बचाने के लिए किसान बना भालू

किसान की फसल को बहुत सारी आपदाएं प्रभावित करती है। कभी बारिश तो कभी सूखा परंतु आवारा पशु भी किसानों की कड़ी मेहनत से उगाई गई फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। फसलों को पशुओं से बचाने के लिए किसान भिन्न भिन्न प्रकार के उपाय करते हैं। कुछ किसान अपने खेतों पर तारबंदी करते हैं तो कुछ किसान दिन रात खेतों पर पड़े रहते हैं। तेलंगाना के एक किसान भास्कर रेड्डी ने भी ऐसे ही अपनी फसल को बंदरों एवं जंगली सूअरों से बचाने के लिए अद्भुत उपाय आजमाया है। बतादें, कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में किसान को भालू की पोशाक पहन कर बंदरों से अपनी फसल का बचाव करते हुए देखा जा रहा है। जैसा कि हम जानते हैं, कि भारत के अधिकांश गांव में सामान्य तौर पर देखा गया है, कि जंगली जानवरों के कारण सर्वाधिक हानि किसानों को वहन करनी पड़ती है। इनमें सर्वाधिक बंदर एवं जंगली सूअर फसलों को क्षतिग्रस्त करते नजर आते हैं। जिसकी वजह से किसानों को प्रतिवर्ष फसलों में काफी ज्यादा हानि का सामना करना पड़ता है। फिलहाल, कुछ किसान जंगली जानवरों के कहर से बचने के लिए आम उपाय करते दिखाई दे रहे हैं।

ये भी पढ़ें:
लुटेरों के आतंक से परेशान किसान, डर के मारे छोड़ी चना और मसूर की खेती वर्तमान में दक्षिण भारतीय एक किसान भास्कर रेड्डी ने अपनी फसल को बंदरों एवं जंगली सूअरों के आतंक को समाप्त करने के लिए एक देसी नुस्खा आजमाया है, जिसका उसे सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। भारत भर के बाकी किसान भी इससे सीख लेकर खेती में अपनी हानि को कम कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर किसान के देसी जुगाड़ की तस्वीर बड़ी तीव्रता से वायरल हो रही है। जानकारी के लिए बतादें, कि मीडिया एजेंसी एएनआई के मुताबिक तेलंगाना के एक किसान भास्कर रेड्डी ने अपनी फसल बचाव के लिए एक कदम आगे बढ़कर एक भालू की पोशाक को धारण कर अपने खेतों को बंदरों एवं जंगली सूअर से बचाने का अचूक उपाय खोज निकाला है। किसान भास्कर रेड्डी के मुताबिक, उन्होंने जंगली सूअर एवं बंदरों के आतंक से बचने के लिए यह अनोखा तरीका आजमाया है, जो कि फसल कटाई से पूर्व ही उसकी फसल को हानि पहुंचाते देखे जाते थे। किसान ने बताया है, कि खेतों की फसल के बचाव के लिए वह और उनका बेटा बारी-बारी से पोशाक पहनकर खेतों में जाते हैं। जिससे की जंगली सूअर एवं बंदरों से खेतों को बचाया जा सके। वर्तमान में उन्होंने इस कार्य के लिए 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से एक शख्स को रखा है। किसान के मुताबिक, उन्होंने यह पोशाक हैदराबाद में कॉस्ट्यूम सप्लाई वेंडर से ली थी, जो कि थिएटर ग्रुप के लिए कपड़े बनाता है, जिसे उन्होंने 10,000 रुपये में खरीदा था।
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ में किसान मेला का हुआ शुभारंभ

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ में किसान मेला का हुआ शुभारंभ

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि में 17 अक्टूबर से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। इस किसान मेले में कृषि विश्वविद्यालय से संबंधित सभी विज्ञान केंद्रों एवं बहुत सारी कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। यह कार्यक्रम 17 अक्टूबर से लेकर 19 अक्टूबर तक चलेगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि में 17 अक्टूबर के पहले दिन कार्यक्रम का शुभारंभ महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के द्वारा फीता काटकर किया गया। कार्यक्रम के दौरान जहां पर कृषि विश्वविद्यालय से संबंधित समस्त विज्ञान केंद्रों एवं विभिन्न कंपनियों ने अपने स्टॉल स्थापित किए।

ये भी पढ़ें:
यूपी की राज्यपाल, श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आईसीएआर-भारतीय कदन्न (श्री अन्न) अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद का किया सर्वेक्षण आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस मेले के जरिए किसानों को एक साथ लाने की कोशिश की जा रही है। सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय में इस मेले के दौरान गोलू-2 उन्नत नस्ल का भैंसा और डॉग शो मुख्य आकर्षण का केंद्र बने हैं। साथ ही, कृषि मेले का प्रमुख मकसद किसानों की दिक्कत परेशानियों का निवारण करना भी है। इसके अतिरिक्त फल -फूल, सब्जी, नवीनतम तकनीक को प्रोत्साहन देने के लिए यह मंच उपलब्ध कराया गया है। आज सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में मेले के दौरान मेरठ में महामहिम राज्यपाल महोदया उत्तर प्रदेश, श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी द्वारा अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं अवलोकन किया गया। साथ ही, 19वें एशियन गेम्स की पदक विजेत्री बेटीयों पारुल चौधरी एवं किरण बालियान को भी सम्मानित किया गया। मेले के इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह औलख जी, @svpuat के कुलपति डॉ के के सिंह जी, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल समिति के अध्यक्ष डॉ संजय सिंह जी, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती संगीता शुक्ला जी, वरिष्ठ वैज्ञानिकगण, किसान एवं छात्र उपस्थित रहे।